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बेटे ने पिता और भाई को लगाया चूना, फर्जी दस्तावेजों से 'आधार फाइनेंस' से लिया लोन, हुआ फरार!

2025-11-19  Swathi Shrivastava  99 views

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आरोन (Aarone), गुना: एक चौंकाने वाले मामले में, आरोन में एक बड़े बेटे ने अपने ही परिवार को धोखा दिया है। मनोज लोधी नामक व्यक्ति पर आरोप है कि उसने अपने पिता और छोटे भाई की संपत्ति के फर्जी दस्तावेज बनाकर 'आधार फाइनेंस' कंपनी से मोटा लोन लिया और उसके बाद से फरार है। इस घटना ने पूरे परिवार को सदमे और आर्थिक संकट में डाल दिया है।

🚨 फर्जीवाड़ा उजागर: जब घर पहुंचा फाइनेंस कंपनी का नोटिस

यह धोखाधड़ी तब सामने आई जब आधार फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी नोटिस चिपकाने के लिए रणधीर लोधी (मनोज के पिता) के घर पहुँचे। कॉलोनीवासियों के हस्तक्षेप के बाद परिवार को इस जालसाजी की जानकारी मिली।

मीडिया ने जब मौके पर पहुंचकर फरियादी रणधीर लोधी, उनके छोटे बेटे राजकुमार लोधी, और अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव से बात की, तो पूरे मामले की परतें खुलीं:

 * पिता का दर्द: रणधीर सिंह लोधी ने बताया कि मनोज 20 सालों से अलग रह रहा है और उसके नाम पर कोई संपत्ति नहीं है। यह मकान उनके छोटे बेटे राजकुमार और पत्नी लक्ष्मीबाई लोधी के नाम पर प्रधानमंत्री आवास कुटी है। उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि फर्जीवाड़े की जांच हो, अन्यथा बेघर होने पर उन्हें आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा।

 * छोटे भाई का आरोप: राजकुमार लोधी ने बताया कि मनोज ने नगर परिषद के रिकॉर्ड में उनकी आईडी से छेड़छाड़ कर और नाम बदलकर लोन लिया है।

 * पार्षद ने की पुष्टि: वार्ड क्र. 4 की पार्षद सोनू रघुवंशी ने भी पुष्टि की कि यह संपत्ति श्रीमती लक्ष्मीबाई और राजकुमार लोधी के नाम पर है और उन्हें सरकारी आवास योजना का लाभ मिला है। उन्होंने फाइनेंस कंपनियों द्वारा गरीब लोगों को फर्जीवाड़े से लोन देकर संपत्ति हड़पने के चलन पर भी सवाल उठाए।

⚖️ कोर्ट पहुंचा मामला: कौन है गुनहगार?

आधार फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने मनोज कुमार द्वारा दिए गए प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट्स के आधार पर लोन दिया था। अब यह मामला कोर्ट में है, और कंपनी ने रणधीर सिंह लोधी से अपने असली दस्तावेज कोर्ट में जमा करने को कहा है।

अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव ने मामले का मुख्य पहलू बताते हुए कहा कि मनोज कुमार लोधी के नाम से आरोन नगर परिषद में कोई प्रॉपर्टी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि आधार फाइनेंस कंपनी फर्जी डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर कोर्ट को गुमराह कर रही है। उनका मानना है कि कंपनी मनोज को दिया हुआ डूबा हुआ पैसा वसूलने के लिए एक गरीब मजदूर की संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है।

फर्जीवाड़ा, पारिवारिक कलह और न्याय की इस लड़ाई में, अब सबकी निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।


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